Pragya Singh Thakur Birthday : विवादों से लेकर राजनीति तक का सफर
प्रज्ञा सिंह ठाकुर का जन्म 2 फरवरी 1970 को हुआ था। वह भारतीय जनता पार्टी (BJP) की प्रमुख नेता हैं और वर्तमान में भोपाल से लोकसभा सांसद हैं।
प्रज्ञा सिंह ठाकुर के जीवन से जुड़ी कुछ प्रमुख जानकारी निम्नलिखित है:
प्रारंभिक जीवन:
- उनका जन्म 2 फरवरी 1970 को मध्य प्रदेश के भिंद जिले के लahar कस्बे में हुआ।
- उनका परिवार धार्मिक विचारधारा और राष्ट्रवादी सोच से जुड़ा हुआ था।
शिक्षा और साध्वी जीवन:
- शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने आध्यात्मिक जीवन की ओर रुख किया।
- वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और उसके महिला संगठन दुर्गा वाहिनी से जुड़ीं।
- उन्होंने साध्वी बनने के बाद कई धार्मिक और राष्ट्रवादी कार्यक्रमों में भाग लिया।
मालेगांव ब्लास्ट विवाद (2008):
- प्रज्ञा सिंह ठाकुर का नाम मालेगांव ब्लास्ट केस में सामने आया, जिसके कारण उन्हें गिरफ्तार किया गया।
- वे लगभग 9 साल जेल में रहीं, लेकिन बाद में उन्हें स्वास्थ्य और सबूतों की कमी के आधार पर ज़मानत मिल गई।
राजनीतिक करियर:
- 2019 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने उन्हें भोपाल लोकसभा सीट से टिकट दिया।
- उन्होंने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को हराकर लोकसभा चुनाव जीता।
विवाद:
- प्रज्ञा ठाकुर अपने विवादित बयानों के लिए भी चर्चा में रहती हैं।
- उन्होंने महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त कहकर विवाद खड़ा किया था।
धार्मिक और आध्यात्मिक जीवन:
- प्रज्ञा ठाकुर योग, ध्यान और गाय पालन को विशेष महत्व देती हैं।
- वे धार्मिक अनुष्ठानों में सक्रिय रहती हैं।
प्रज्ञा सिंह ठाकुर की धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियाँ:
- साध्वी बनने की यात्रा:
प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने युवावस्था में ही आध्यात्मिक जीवन की ओर रुख किया। उन्होंने साध्वी दीक्षा लेकर एक साधारण जीवन अपनाया और धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेना शुरू किया। - दुर्गा वाहिनी से जुड़ाव:
वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के महिला संगठन दुर्गा वाहिनी की सक्रिय सदस्य रही हैं। यहां उन्होंने महिलाओं के बीच हिंदुत्व की विचारधारा के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। - योग और ध्यान का महत्व:
प्रज्ञा ठाकुर योग और ध्यान को अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा मानती हैं। जेल के दौरान भी उन्होंने योग और ध्यान के जरिए मानसिक संतुलन बनाए रखा। - गाय पालन और गो सेवा:
वे गाय पालन और गोमूत्र चिकित्सा की समर्थक हैं। उनका मानना है कि गाय का गोमूत्र कई बीमारियों का इलाज कर सकता है। - धार्मिक अनुष्ठान:
वे समय-समय पर बड़े धार्मिक अनुष्ठानों और हवनों का आयोजन करती हैं। उनके अनुसार, ये अनुष्ठान समाज में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं। - कावड़ यात्रा:
प्रज्ञा ठाकुर ने कई बार कावड़ यात्राओं में भाग लिया है और भगवान शिव की पूजा को विशेष महत्व देती हैं। - धार्मिक यात्राएँ:
वे विभिन्न तीर्थस्थलों की यात्राएं करती रहती हैं और हिंदू धर्म के संरक्षण के लिए कार्य करती हैं। - धर्म और राष्ट्रवाद का समन्वय:
प्रज्ञा ठाकुर का मानना है कि धार्मिक जीवन और राष्ट्र सेवा एक-दूसरे के पूरक हैं। उन्होंने अपने भाषणों में हमेशा धर्म और राष्ट्रभक्ति की बात की है।
प्रज्ञा सिंह ठाकुर के विवादित बयान:
- नाथूराम गोडसे को देशभक्त कहना (2019)
लोकसभा चुनाव के दौरान प्रज्ञा ठाकुर ने महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को “देशभक्त” कहा। इस बयान पर देशभर में तीव्र आलोचना हुई। बाद में उन्होंने अपना बयान वापस लिया। - 26/11 शहीद हेमंत करकरे पर बयान (2019)
उन्होंने कहा था कि हेमंत करकरे (जो 26/11 मुंबई हमलों में शहीद हुए थे) उन्हें मालेगांव केस में फंसाने के कारण “श्राप” का शिकार हुए और उनकी मृत्यु हुई। इस बयान से भारी विवाद उत्पन्न हुआ। - बाबरी मस्जिद विध्वंस पर बयान (2020)
प्रज्ञा ठाकुर ने कहा था, “हमने देश का कलंक मिटाया है,” यह टिप्पणी बाबरी मस्जिद विध्वंस के संदर्भ में की गई थी। - धर्म संसद में भड़काऊ बयान (2021)
प्रज्ञा ठाकुर ने हिंदुओं से कहा था कि “अपने घर में हथियार रखें, भले ही वह चाकू ही क्यों न हो, लेकिन उसे तेज रखना चाहिए।” इस बयान को हिंसा को बढ़ावा देने वाला बताया गया। - धार्मिक असहिष्णुता पर बयान (2022)
उन्होंने कहा था कि “भारत एक हिंदू राष्ट्र है और इसे हिंदू राष्ट्र ही रहना चाहिए।” यह बयान कई धर्मनिरपेक्ष समूहों को आपत्तिजनक लगा। - लव जिहाद पर बयान (2023)
प्रज्ञा ठाकुर ने लव जिहाद के मुद्दे पर कहा था, “हिंदू लड़कियों की रक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है, हमें अपनी संस्कृति को बचाना है।” - गोमूत्र चिकित्सा का समर्थन (2020)
उन्होंने दावा किया था कि “गोमूत्र का नियमित सेवन कैंसर जैसी गंभीर बीमारी को ठीक कर सकता है।” - धर्म परिवर्तन पर बयान
उन्होंने कहा कि “जो लोग धर्म परिवर्तन कर रहे हैं, वे समाज के लिए खतरा हैं।”
प्रभाव और प्रतिक्रियाएँ:
इन बयानों के कारण प्रज्ञा ठाकुर को आलोचना के साथ-साथ बीजेपी नेतृत्व की नाराजगी भी झेलनी पड़ी। हालांकि, उनके समर्थकों का मानना है कि उनके बयान धार्मिक और सांस्कृतिक मुद्दों पर उनके स्पष्ट विचारों को दर्शाते हैं।