Som Pradosh Vrat : आज सोम प्रदोष व्रत के दिन इस तरह करें महादेव का पूजन, जानिए पूजा करने के नियम
सोम प्रदोष व्रत: महादेव का पूजन और नियम
सोम प्रदोष व्रत भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए रखा जाता है। यह व्रत हर महीने की त्रयोदशी तिथि को किया जाता है और जब यह सोमवार को पड़ता है, तो इसे सोम प्रदोष व्रत कहा जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
पूजन विधि:
- स्नान और शुद्धिकरण:
- प्रातःकाल जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें।
- व्रत का संकल्प लें:
- भगवान शिव का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें।
- “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।
- शिवलिंग का अभिषेक करें:
- शिवलिंग पर जल, दूध, दही, शहद, और गंगाजल अर्पित करें।
- चंदन, बेलपत्र, भस्म, और धतूरा चढ़ाएं।
- धूप और दीप जलाएं।
- मंत्र और स्तोत्र:
- “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें।
- शिव चालीसा और प्रदोष व्रत कथा का पाठ करें।
- आरती:
- शिवजी और माता पार्वती की आरती करें।
- प्रसाद के रूप में फल और पंचामृत चढ़ाएं।
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पूजा के नियम:
- व्रतधारी को सुबह से उपवास रखना चाहिए।
- नमक रहित या फलाहार भोजन करें।
- व्रत के दौरान सात्विकता का पालन करें और गलत विचारों से बचें।
- शाम के समय, सूर्यास्त के बाद प्रदोषकाल में पूजा करें।
प्रदोष व्रत का महत्व:
- यह व्रत करने से भगवान शिव अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
- जीवन में सुख-समृद्धि आती है और पापों से मुक्ति मिलती है।
- सोम प्रदोष व्रत विशेष रूप से स्वास्थ्य और दीर्घायु के लिए शुभ माना जाता है।