भारत में मिला 4.7 करोड़ साल पुराना सांप, 49 फीट लंबे स्नैक के वजन ने पूरी दुनिया को चौंका दिया!
भारत में हाल ही में एक अत्यंत महत्वपूर्ण और चौंकाने वाला जीवाश्म खोजा गया है, जो वैज्ञानिकों के लिए एक नई खोज है। गुजरात के कच्छ क्षेत्र में एक 47 मिलियन साल पुराना सांप का जीवाश्म मिला है, जिसे ‘वसुकी इंडिकस’ नाम दिया गया है। यह सांप लगभग 15 मीटर (49 फीट) लंबा और 1.5 टन वजन का था, जो वर्तमान के सबसे बड़े सांपों से भी कहीं अधिक विशाल था।
यह खोज भारतीय उपमहाद्वीप में प्राचीन सांपों के विकास और उनके पारिस्थितिकी तंत्र के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करती है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस सांप का आकार और संरचना यह दर्शाती है कि प्राचीन काल में भारतीय उपमहाद्वीप में विशाल सां’वसुकी इंडिकस’ की खोज ने न केवल भारतीय जीवाश्म विज्ञान को समृद्ध किया है, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर भी प्राचीन सांपों के विकास और उनके पारिस्थितिकी तंत्र के अध्ययन में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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भारत के गुजरात राज्य के कच्छ क्षेत्र में हाल ही में एक अत्यंत महत्वपूर्ण जीवाश्म खोजा गया है, जो वैज्ञानिकों के लिए एक नई खोज है। यह जीवाश्म ‘वासुकी इंडिकस’ नामक प्राचीन सांप का है, जो लगभग 4.7 करोड़ साल पुराना है।
वैज्ञानिकों का अनुमान है कि वासुकी इंडिकस की लंबाई लगभग 11 से 15 मीटर (36 से 49 फीट) के बीच रही होगी, और इसका वजन लगभग एक टन था। इसका शरीर बेलनाकार और मजबूत था, जिससे यह एक शक्तिशाली शिकारी बनता था। यह सांप वर्तमान के सबसे बड़े सांपों, जैसे कि रेटिकुलेटेड अजगर और ग्रीन एनाकोंडा, से भी बड़ा था।
वासुकी इंडिकस एक गैर-जहरीला सांप था, जो अपने शिकार को लपेटकर उसे मारता था। यह दलदली और उष्णकटिबंधीय वातावरण में रहता था, जहां का तापमान लगभग 28 डिग्री सेल्सियस था। इसके शिकार में कैटफ़िश, कछुए, मगरमच्छ और प्राचीन व्हेल जैसी प्रजातियाँ शामिल थीं।
यह खोज भारतीय उपमहाद्वीप में प्राचीन सांपों के विकास और उनके पारिस्थितिकी तंत्र के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करती है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस सांप का आकार और संरचना यह दर्शाती है कि प्राचीन काल में भारतीय उपमहाद्वीप में विशाल सांपों का अस्तित्व था।