कौन है वासुकी नाग ? कितनी थी इसकी लम्बाई ?

Who is Vasuki Nag

वासुकी नाग: पौराणिक कथा का महान सर्प

वासुकी नाग हिंदू पौराणिक कथाओं में प्रसिद्ध नागराज (सर्पों के राजा) हैं। वासुकी को भगवान शिव के गले में लिपटे सर्प के रूप में भी दर्शाया गया है। वासुकी का उल्लेख महाभारत, श्रीमद्भागवत पुराण, और अन्य ग्रंथों में मिलता है।

वासुकी नाग का महत्व:

  1. समुद्र मंथन में भूमिका:
    वासुकी नाग ने समुद्र मंथन में रस्सी का कार्य किया। देवताओं और असुरों ने उन्हें मंदराचल पर्वत के चारों ओर लपेटकर मंथन किया।
  2. भगवान शिव के भक्त:
    वासुकी भगवान शिव के अनन्य भक्त माने जाते हैं। वे शिव के गले में हमेशा निवास करते हैं।
  3. पाताल लोक के राजा:
    वासुकी नाग को नागों के राजा और पाताल लोक के शासक के रूप में माना जाता है।

वासुकी नाग की लंबाई:

वह करीब 42 फीट लंबा होता था. वजन करीब 1100 किलोग्राम होता था. यह सांप 5.80-6.00 करोड़ साल पहले पाया जाता था.

वासुकी नाग से जुड़े रोचक तथ्य:

  1. नागवंश के राजा:
    वासुकी नाग नागवंश के राजा थे और उन्हें अन्य नागों का संरक्षक माना जाता है।
  2. मंदराचल पर्वत का संतुलन:
    समुद्र मंथन के समय वासुकी ने मंदराचल पर्वत को संतुलित रखने में भी मदद की।
  3. पौराणिक कथाओं में उनकी महिमा:
    वासुकी का उल्लेख जैन और बौद्ध धर्म के ग्रंथों में भी मिलता है, जो उनकी महत्ता को दर्शाता है।
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धार्मिक महत्व:

वासुकी नाग हिंदू धर्म में शक्ति, भक्ति और सहनशीलता के प्रतीक माने जाते हैं। उनका उल्लेख नाग पंचमी के अवसर पर विशेष रूप से होता है, जब नागों की पूजा की जाती है।